दिल का दौरा – पूरी दुनिया में लगभग १.७ करोड़ लोगों की मृत्यु हृदय की बीमारी के कारण होती है । विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के अनुसार , दुनिया भर में सभी नॉन – कम्युनिकेबल डिज़ीज़ ( NCD ) के कारण होने वाली मृत्यु का पांचवा हिस्सा भारत के नाम जाता है और अधिकतर इसका शिकार युवा पीढ़ी पर होती है ।
२०१७ में लगभग २६ लाख भारतीयों की मृत्यु की बीमारी के कारण हुई , जो कि हमारे देश में मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण था । भारत में की गई एक रिसर्च अध्ययन ( इंटरहार्ट स्टडी ) के अनुसार ९ ० % से भी अधिक दिल के दौरों का कारण था फल और सब्जियां कम खाना , शारीरिक गतिविधि कम करना और साइकोसोशल तनाव । हम सभी जानते हैं कि दिल का दौरा एक ऐसी आपातकालीन चिकित्सीय स्थिति है , जिसमें अक्सर मृत्यु हो जाती है और व्यक्ति जीवित रहता है तो उसके परिवार के लिए एक बेहद डरावना अनुभव बन जाता है ।
आपके हृदय की मांसपेशियों को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ती है और दिल का दौरा तब पड़ता है , जब हृदय की मांसपेशियों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह में रूकावट आने लगती है या पूरी तरह रुक जाता है । सामान्यतया दिल का दौरा तब पड़ता है , जब ब्लड क्लॉय ( रक्त का थक्का ) हृदय तक होने वाले रक्तप्रवाह को रोक देता है । रक्त न मिलने पर टिश्यू को ऑक्सीजन नहीं मिलता और ये मरने लगते हैं । s दिल का दौरा दरअसल ऐसी स्थिति के लिए व्यापक शब्द है , जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक होने वाला रक्तप्रवाह अचानक बंद हो जाता है ,
1.स्टैमी : एक तरह का दिल का दौरा , जो तब पड़ता है , जब हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली रक्तवाहिनियां बंद हो जाती हैं ( ब्लॉक ) ।
2.एनस्टैमी : एक तरह का ऐसा दिल का दौरा , जिसमें रक्तवाहिनियां आंशिक रूप से बंद हो जाती हैं , जिससे रक्त का प्रवाह गंभीर रूप से कम हो जाता है । 3.मायोकार्डियल इनफ़ाशन ( MI ) : हृदय की मांसपेशियों के किसी एक हिस्से को ऑक्सीजन युक्त रक्त न मिलने के कारण इन्हें गंभीर रूप से नुकसान पहुंचना या मर जाना । यह भी दिल के दौरे के लिए भी एक चिकित्सीय शब्द है ।
<strong><em>लक्षण – </em></strong>
छाती में होने वाला दर्द हो सकता है बांए हाथ की तरफ पहुंचे और अक्सर छाती में बहुत तेज़ दर्द या जकड़न महसूस हो या हल्का दर्द हो ।
अक्सर छाती में बहुत तेज़ दर्द होता है , लेकिन कुछ लोगों को हो सकता है केवल हल्का दर्द हो , जैसे कभी – कभी बदहज़मी या गैसे के कारण होता है ।
इसके साथ अक्सर अधिक पसीना भी होता है और आंखों के आगे अंधेरा सा छा जाता है । इसके अलावा , दिल का दौरा पड़ने पर चक्कर , मतली जैसे सामान्य लक्षण भी दिखाई देते हैं । यदि ये लक्षण १५ से अधिक मिनट तक बने रहें तो ये स्पष्ट रूप से दिल के दौरे के लक्षण हैं ।
<strong><em>आइए , हम बताएं कि दिल का दौरा पड़ने के लक्षण दिखाई देने पर क्या करना चाहिए : </em></strong>
यदि मरीज़ बहुत तकलीफ़ में है और होश में भी है तो उसे आरामदायक स्थिति में लिटा दें ।
उसके कपड़े ढीले कर दें । उससे पूछें कि क्या वह दिल का मरीज़ है और उसके पास नाइट्रो – ग्लायसीरीन टैबलेट्स हैं. इन्हें आप दे सकते हैं ।
कई अस्पतालों में बुनियादी लाइफ़ सपोर्ट के कोर्स चलाए जाते हैं , बहरहाल , हर संस्थान , कार्यालय या हाउसिंग सोसायटी में आपातकालीन स्थिति में दिल का दौरा पड़ने के दौरान चिकित्सीय सहायता देने के लिए कुछ व्यक्तियों को अवश्य प्रशिक्षित बनाना चाहिए ।
दिल का दौरा पड़ने पर कई बार आज के बढ़ते ट्राफ़िक के कारण एम्ब्युलेंस आने में देर भी हो जाती है । ऐसे में मरीज़ को जल्द से जल्द गाड़ी में बिठाकर , नज़दीकी अस्पताल में ले जाना जाहिए , जहां कैथ लैब या आपाताकालीन कार्डिएक सेवाएं उपलब्ध हों ।
सुझाव – दिल के दौरे से सुरक्षित रहने के लिए यह बहुत ज़रूरी है आप नियमित अपने स्वास्थ्य की जांच करवाते रहे । इसके अलावा , जोखिम कारक घटक यानी ब्लड प्रेशर या ब्लड शुगर तथा कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखें ।
यह याद रखना बहुत जरूरी है कि स्वस्थ हृदय और बेहतर रक्त प्रवाह प्रणाली के लिए स्वस्थ संतुलित भोजन करना बहुत ही ज़रूरी है । इसके लिए अपने भोजन में फल और सब्जियां , साबूत अनाज , लीन मीट , फ़िश और दाल अवश्य शामिल करें । नमक , शक्कर और फ़ैट का सेवन ‘ जितना हो सके , कम करें । भारत जैसे देश में निष्क्रिय जीवन शैली एक बहुत ही गंभीर समस्या बन रहा है , जो कि शहरों में लगातार बढ़ती जा रही है । क्योंकि भागदौड़ और तनाव पूर्ण ज़िंदगी के कारण लोगों को शारीरिक व्यायाम के लिए समय नहीं मिलता । हमारा सुझाव है कि हृदय को चुस्त – तंदुरूस्त रखने के लिए आपको हर दिन कम से कम ३० मिनट नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि अवश्य करना चाहिए
<em>———Dr. Amol Chavhan Dm(Cardiologist)</em>
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डॉ अमोल चौहान डीएम (हृदय रोग विशेषज्ञ) कहते हैं – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दिल का दौरा – दुनिया में मौत का नंबर 1 कारण